Daily Suprabhat Quotes in Hindi with Images
वक्त लगा मुझे वो जख्म भरने में,
जो मुझे वक्त ने दिए थे।
सुप्रभात।
निराश नहीं होता मैं कभी हार से,
बस उसका फैसला मान कर आगे बढ़ जाता हूँ।
मनुष्य अपनी सोच से ही संकुचित है,
वरना मौके तो अपार है।
सब गुनाह माफ़ हो सकते है,
बस कभी "माँ" को दुःख मत देना।
मैं भी निकला था घर से,
कुछ हालात बदलने को,
पर इस बेरंगी दुनिया ने,
मुझे ही बदल दिया।
जब जिक्र हुआ तेरी रहमतो का,
तो खुद को सबसे खुशनसीब पाया,
तमन्ना थी एक सोने यार दी,
खुदा खुद आपके रूप में चला आया।
उम्र बढ़ने पर दोस्त कम होते चले जाते है,
पर जितने भी होते है सब अपने विचार के ही होते है।
याद करके अक्सर रो देता हूँ,
बड़े होने से अच्छे तो हम बच्चे ही थे।
जब कोई आसरा ना दिखाई दे तो,
जीवन में एक बार उस ऊपर वाले पर भी भरोसा करके देख लेना।
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